Thursday, October 7, 2010

महात्मा गाँधी हमेशा याद दिलाते थे की मेरा जीवन ही मेरा सन्देश है, हम में से जो लोग गाँधी को अपनी प्रेरणास्रोत मानते हैं, उनके लिए यह जरुरी है की वे खुद से रोज ईमानदारी से पूछे की क्या हमारा रोजमर्रा का जीवन भी गाँधी के रास्तो पर चलने के लिए औरो को प्रेरित करने की क्षमता रखता है, या कोई वैसा ही सार्थक सन्देश देता है?