Thursday, August 12, 2010

सारे जहाँ से अच्छा, हिंदोस्ता हमारा



भारत को आज़ाद हुए ६३ साल होने वाले हैं, लेकिन अभी भी इस देश में राष्ट्र भाषा, राष्ट्र गीत, को पूर्ण मान्यता नहीं मिल पाई है, कोई कहता है राष्ट्र गीत नहीं गायेंगे तो कोई कहता है हम अपनी मातृभाषा अलग रखेंगे,कोई कहता है हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा नहीं है तो, कोई कहता है बन्दे मातरम गाना हमारे धर्म के खिलाफ है, कभी भाषा के नाम पर देश को बांटा जा रहा है तो कभी धर्म के नाम पर, कुछ धर्मो और राज्यों के मानस पुत्र तो बगावत करने पर उतारू हैं,इन तथाकथित पुत्रो को ये बताना जरुरी है की...... सारे जहाँ से अच्छा, हिंदोस्ता हमारा, हम बुलबुले हैं इसकी, ये गुलिस्ता हमारा,.....जय हिंद जय भारत ............

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