Saturday, June 25, 2011

यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता

यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता यानी जहां नारियों की पुजा होती है वहां देवताओं का वास होता है।यह श्लोक भले ही भारत की उन्नत संस्कृति और सभ्यता की विरासत का परिचय कराता लेकिन जैसे जैसे भारत माडर्न बनने की फेहरिस्त में आगे बढता जा रहा है इन बातो की अहमियत भी घटती जा रही है और एक भयावह तस्वीर हमारे सामने उपस्थित हो रही है कि अब यह मुल्क महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं रह गया है। यहां बेटियों के लिए किसी भी तरह की इज्जत नहीं है। जहां मां के पेट में ही इनका दम घोट दिया जाता है और सडको पर कर दिया जाता है खुलेआम कत्ल। जी हां यह हाल है उस भारत का जो पुरी दुनिया में एक महाशक्ति बन कर उभर रहा है। यह वही भारत है जिसकी संस्कृति और सभ्यता पुरे संसार में मिसाल कायम करती है। लेकिन जब आप सह सच जानिएगा तो आपकी आखें शर्म से झुक जायेगी। यह है आपका हिंदुस्तान जिसके दिल में बेटियोें के लिए कोई इज्जत नहीं है। जिस देश में बेटियों का सौदा खुलेआम कर दिया जाता है। सरेआम सडको पर उनकी अस्मत को तार तार किया जाता है। आए दिन होती है उनके साथ बलात्कार की वारदातें। लडकियों के लिए असुरक्षित देशों में भारत चैथे स्थान पर है। विकास में बडों बडों को पीछे छोडने वाला देश, दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बनाने वाला देश कहां है इस पर जरा गौर करिए की किन किन देशों के साथ खडा है आपका अपना मुल्क। लडकियों पर जुर्म की इबारत लिखने वाला भारत अफगानिस्तान, काॅगो, और पाकिस्तान के साथ टक्कर ले रहा है। नेहरु, गांधी, सरदार पटेल और भगत सिंह के देश में बेटियां नहीं है सुरक्षित। चाहे वह गांव हो या शहर हर जगह वासना से भरे हुए मर्दो की निगाहे उन्हें घुरती रहती है। इतना ही नहीं घरों के भीतर भी लडकियां महफुज नहीं हैं वहां रिश्तेदारों की आंखें उन्हे घुरती रहती है। ये आंकडें तो और भी चैकाने वाले है, कि पिछले सौ सालों में मुल्क से 5 करोड बेटियां लापता हां गई। ये सच है उस देश का जहां शक्ति यानि देवी की पुजा की जाती है। जिस देश में राष्ट्रपति लोकसभा की अध्यक्ष, संसद में विपक्ष की नेता महिला हो और कुछ राज्यों की कमान भी महिलाओं के ही हाथ में हो और उस देश का यह हाल कि वह मुल्क लडकियों और महिलाओं के लिए महफुज नहीं है, यह बडे ही शर्म की बात है। महिलाओं के लिए कानूनी सुचना और कानूनी सहायता केंद्र थामसन राॅयटर्स टेक्सला वूमेन की सर्वे के मुताबिक महिलाओं पर जुर्म ढाने और उनके लिए महफुज रहने वाले देशों की फेहरिस्त में भारत का स्थान चैथा है। इस संस्था ने अपने सर्वे में यह भी खुलासा किया है कि भारत में बेटियों को या तो मां के पेट में ही मार दिया जाता है या पैदा होने के बाद उन्हें मौत की नींद सुला दिया जाता है। इतना ही नहीं भारत लडकियों की तस्करी का सबसे बडा बाजार बन गया है जहां भारी संख्या में इनको देह व्यापार के काले धधें में डाल दिया जाता है। लडकियों के साथ यौन शोषण एक छोटे से गांव से लेकर मुल्क के बडे बडे महानगरों तक में किया जा रहा है जिसमें उनके साथ छेडछाड़, बलात्कार, और उनकी हत्या तक भी शामिल है। भारत में लडकियां धर्म, जाति के नाम पर भी शोषण का शिकार बनती हैं। जिस देश में नारी को देवी और शक्ति माना जाता है, उस मुल्क की आधी आबादी के साथ कैसा बर्ताव हो रहा है इसके सौकडो सबूत हैं। सिर्फ 2009 में ही महिलाओं पर 2 लाख 3 हजार 8 सौ 4 अपराधिक वारदातें हुई जिनमें हत्या, बलात्कार, यौन शाोषण, और उनकी तस्करी जैसे मामले शामिल हैं, लेकिन इनमें अभी भी सच्चाई बहुत कम है। महिलाओं के कल्याण के लिए काम करने वाली संस्थाओं और जानकारों की बातो पर अगर गौर किया जाये तो इनके खिलाफ होने वाले आधे अपराध तो पुलिस थाने तक पहुंचते ही नहीं। लडकियों पर हो रहे जुर्म की ये दास्तां यही खतम नहीं होती बल्कि इसमें आगे आता है बेटियों को संसार में आने से पहले ही उन्हें मौत की नींद सुला देना यानि कन्या भ्रूण हत्या। भारत में कोख के कातिलो की संख्या भी लगातार बढती जा रही है। ये हत्यारे अपनी ही खुन की हत्या करने में पीछे नहीं रहते। भारत में कोख के हत्यारों की फेहरिस्त में अब आगें हैं शहरों के लोग। ये वे लोग है जिनके पास पैसे की कोई कमी नहीं है, ये ऐसे रईस है जो अपना वंश आगे बढाना चाहते हैं, और जिन्हें होती है बेटों की लालसा। भले ही ऐसे लोग समाज को दिखाने के लिए पढे लिखे होते हैं लेकिन इनके यहां ही की जाती है कन्याओं की भु्रण हत्या। भले ही आप इन बातों से चैक जायेगे लेकिन ये सच है। एक समय ऐसा था जब बालिका भ्रुण हत्या को अनपढ लोगों और गांवों से जोड कर देखा जाता था लेकिन समय में बदलाव के बाद ये अपराध गावों से निकलकर शहरों की चकाचैघ भरी जिंदगी में पहुंच गई है। जानी मानी पत्रिका लैण्ड सेट के मुताबिक पढे लिखे रईस परिवारों में पहला बच्चा लडकी होने पर दूसरे बच्चे के रुप में लडकी स्वीकार नहीं है। आज मुल्क तरक्की की राह पर जरुर है लेकिन विकास के पीछ के सच इतना भयावह और डरावना होगा यह किसी ने भी नहीं सोचा होगा।

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